माही बांध को लेकर किंग सेना का 1 मार्च को मेवाड़-वागड़ में धरना प्रदर्शन

उदयपुर। माही बांध का पानी मेवाड़ वागड़ के खेतों में लाने के लिए मातृभूमि धर्म संघ किंग सेना आगामी 1 मार्च को उदयपुर एवं बांसवाड़ा संभाग के सभी जिला एवं तहसील मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेग। यहां सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गगन सिंह राव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार ने पूर्वी राजस्थान की जनता को पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) की सौगात दी तो शेखावाटी क्षेत्र के लोगों को यमुना का पानी पहुंचाने की घोषणा की. अब समय आ गया है कि केंद्र व राज्य सरकार गुजरात के साथ बात करे और राजस्थान की मेवाड़ वागड़ की जनता का माही बांध का हक उसे दिलाए. संगठन के रणनीतिकार घनेंद्र सिंह सरोहा ने कहा कि माही बांध को लेकर राजस्थान और गुजरात के बीच हुए समझौते को खत्म हुए 23 साल से अधिक का समय हो गया है. उदयपुर बांसवाड़ा संभाग की जनता का कंठ सुखाकर हर साल 10 जयसमंद जितना पानी फ्री में गुजरात को दिया जा रहा है जिसे वह समुद्र में डाल रहा है। संगठन के महासचिव सुनील निमावत ने कहा कि माही बांध के पानी से मेवाड़ के चार जिले उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और वागड़ के बांसवाड़ा, डूंगरपुर एवं प्रतापगढ़ जिलों के 5 लाख हेक्टर क्षेत्र के खेतों में सिंचाई हो सकेगी, प्रमुख शहरों एवं कस्बों में पेयजल आपूर्ति तथा लाखों की तादाद में पशुधन को पीने का पानी मुहैया हो सकेगा. संगठन के प्रकाश सालवी ने कहा कि पानी के अभाव में इस आदिवासी बहुल संभाग में उद्योग धंधे विकसित नहीं हो पाए, जिसकी वजह से हर साल लाखों की तादात में मेवाड़-वागड़ के युवा गुजरात,महाराष्ट्र व दक्षिण के राज्यों में रोजगार के लिए पलायन को मजबूर होते हैं. इससे क्षेत्र का सामाजिक एवं सांस्कृतिक ताना-बाना भी कमजोर हुआ है। संगठन के अमरचंद जाट, संपत डगवाल ने कहा कि माही बांध का पानी मेवाड़ बागड़ के खेतों में लाने के लिए संगठन पिछले 3 साल से संघर्षरत है। इस दौरान संगठन सड़क पर जन आंदोलन के साथ ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पूर्व जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय समेत मेवाड़ वागड़ के सभी सांसद एवं विधायकों से मिल इस संबंध में वार्ता कर चुका है।

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