
इस वाद – विवाद प्रतियोगिता मे पक्ष पर ख़ुशी, गंगा, नेहा और माया सिंह के साथ नीलू चौहान ने अपने विचार रखे। वहीँ विपक्ष मे माया जाट, चेतन्या, तनुश्री और भावना के साथ मोरन्तिका ने विचार प्रकट किये। प्रतियोगिता मे महाविद्यालय के प्राध्यापक पूर्नेश कोठारी एवं प्राध्यापिका पायल पानेरी ने निर्णायक की भूमिका निभाई। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. पूर्णिमा नराणिया ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि वातावरण, परिस्थितियां एवं व्यक्तित्व ही तय करता है कि किस पृष्ठ भूमि में किस व्यक्ति को समावेशी शिक्षा देना आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय की छात्राध्यापिका शालिनी सोनी एवं विमला कुमारी ने किया। इस दौरान हीना जैन, रंजना भटनागर, डॉ. कोमल कटारिया, डॉ मीता जोशी एवं शिव प्रसन्न सिंह उपस्थित रहे।